Halaman

    Social Items

After recovery phase of corona ‼️
How patients feel..
Copied 💥✅🇮🇳


कोरोना संक्रमण से अस्पताल में दो हफ्ते तक जूझने के बाद अब घर आये लगभग एक महीने का समय हो चुका है । लेकिन जीवन की गाड़ी अभी कोरोना-पूर्व स्थिति में नही लौटी है । अस्पताल से छुट्टी के एक सप्ताह बाद तक तो स्थिति लगभग अस्पताल जैसी ही बनी रही । कमजोरी ऐसी, जिसकी अनुभूति इस जीवन मे कभी नही हुई । ऊपर से मानसिक उद्विग्नता और नींद का कोसो दूर होना ।

सप्ताह बाद शरीर थोड़ा अपना लगा । थोड़ी नींद भी आने लगी और मानसिक स्थायित्व भी महसूस होने लगा । लेकिन बाकि दिक्कतें अभी बनी रही । खासकर अतिशय कमजोरी । थोड़ा चलने के बाद थकने लगना । सीढ़ियों पर चढ़ने के लिए बहुत हिम्मत जुटाना । और बीमारी के एहसास का लगातार बने रहना ।

दो सप्ताह बाद से इन सबके पैरामीटर अब बेहतर होते नजर आए, जो आज भी लगातार बेहतर होते जा रहे हैं । लेकिन इतने नहीं कि हम अभी कोविड-पूर्व की स्थिति को महसूस कर सकें । डॉक्टर लोग कह रहे हैं कि कोरोना से उबरने के बाद सामान्य होने में एक से तीन महीने का समय भी लग सकता है ।

जो बात कोरोना-पश्चात जीवन की सबसे समस्याजनक लगती है, वह यह कि इससे उबरने के बाद आदमी कई तरह की दिक्कतों में लगातार फंसा हुआ महसूस कर रहा है । जैसे कि सबसे कॉमन दिक्कत फेफड़ो से सम्बंधित आ रही है । लगभग एक महीने बाद भी उनकी कार्यक्षमता सामान्य स्थिति में नही पहुंची है। प्राणायाम और उनके लिए सुझाये कुछ विशेष व्यायाम के बावजूद उनमें आयी कमी अभी भी साफ-साफ महसूस होती है ।

नसों में आने वाली समस्या भी लगभग कॉमन है । उनकी वजह से लगभग एक सप्ताह का मेरा समय काफी कठिन गुजरा है । नींद की समस्या अब भी पूरी तरह से व्यवस्थित नही हो सकी है । और न ही मानसिक ट्रामा । ये सब किसी न किसी तरह से लगातार घेरा बनाये हुए है । बेशक कि उनका कसाव अब ढीला पड़ने लगा है ।

और हां ... कोविड समय में मधुमेह का बढ़ जाना बहुत सामान्य बात है । जो कि मेरे साथ भी हुआ । अब देखना होगा कि यह स्थायी तौर पर जीवन से जुड़ता है या कुछ समय लेकर विदा हो जाता है । इधर बीच ब्लड टेस्ट के कुछ पैरामीटर भी लगातार छका रहे हैं । तो यह भी एक बड़ा कंसर्न है ।

हालाकि डॉक्टर लोग कह रहे हैं कि इन समस्याओं को स्वीकार करते हुए आपको आगे की तरफ देखना चाहिए ।

तो साथियों, यह बात इसलिए बता रहा हूँ कि कोरोना को आप भी हल्के में मत लीजिये । सभी आवश्यक सावधानियां बरतिए । क्योंकि यह बीमारी कुछ लोगों के लिए जानलेवा भी हो सकती है । और मेरे जैसे जो कुछ लोग डाक्टरों की मेहनत और शुभेच्छुओं की दुआओं से बचकर निकल जाते हैं, उन्हें भी लंबे समय तक विभिन्न प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है ।

( वैसे अपने कोरोना अनुभव को विस्तार से लिख रहा हूँ । उम्मीद है कि जल्दी ही वह लिखा आपके सामने होगा । )

After recovery phase of corona ‼️ How patients feel

After recovery phase of corona ‼️
How patients feel..
Copied 💥✅🇮🇳


कोरोना संक्रमण से अस्पताल में दो हफ्ते तक जूझने के बाद अब घर आये लगभग एक महीने का समय हो चुका है । लेकिन जीवन की गाड़ी अभी कोरोना-पूर्व स्थिति में नही लौटी है । अस्पताल से छुट्टी के एक सप्ताह बाद तक तो स्थिति लगभग अस्पताल जैसी ही बनी रही । कमजोरी ऐसी, जिसकी अनुभूति इस जीवन मे कभी नही हुई । ऊपर से मानसिक उद्विग्नता और नींद का कोसो दूर होना ।

सप्ताह बाद शरीर थोड़ा अपना लगा । थोड़ी नींद भी आने लगी और मानसिक स्थायित्व भी महसूस होने लगा । लेकिन बाकि दिक्कतें अभी बनी रही । खासकर अतिशय कमजोरी । थोड़ा चलने के बाद थकने लगना । सीढ़ियों पर चढ़ने के लिए बहुत हिम्मत जुटाना । और बीमारी के एहसास का लगातार बने रहना ।

दो सप्ताह बाद से इन सबके पैरामीटर अब बेहतर होते नजर आए, जो आज भी लगातार बेहतर होते जा रहे हैं । लेकिन इतने नहीं कि हम अभी कोविड-पूर्व की स्थिति को महसूस कर सकें । डॉक्टर लोग कह रहे हैं कि कोरोना से उबरने के बाद सामान्य होने में एक से तीन महीने का समय भी लग सकता है ।

जो बात कोरोना-पश्चात जीवन की सबसे समस्याजनक लगती है, वह यह कि इससे उबरने के बाद आदमी कई तरह की दिक्कतों में लगातार फंसा हुआ महसूस कर रहा है । जैसे कि सबसे कॉमन दिक्कत फेफड़ो से सम्बंधित आ रही है । लगभग एक महीने बाद भी उनकी कार्यक्षमता सामान्य स्थिति में नही पहुंची है। प्राणायाम और उनके लिए सुझाये कुछ विशेष व्यायाम के बावजूद उनमें आयी कमी अभी भी साफ-साफ महसूस होती है ।

नसों में आने वाली समस्या भी लगभग कॉमन है । उनकी वजह से लगभग एक सप्ताह का मेरा समय काफी कठिन गुजरा है । नींद की समस्या अब भी पूरी तरह से व्यवस्थित नही हो सकी है । और न ही मानसिक ट्रामा । ये सब किसी न किसी तरह से लगातार घेरा बनाये हुए है । बेशक कि उनका कसाव अब ढीला पड़ने लगा है ।

और हां ... कोविड समय में मधुमेह का बढ़ जाना बहुत सामान्य बात है । जो कि मेरे साथ भी हुआ । अब देखना होगा कि यह स्थायी तौर पर जीवन से जुड़ता है या कुछ समय लेकर विदा हो जाता है । इधर बीच ब्लड टेस्ट के कुछ पैरामीटर भी लगातार छका रहे हैं । तो यह भी एक बड़ा कंसर्न है ।

हालाकि डॉक्टर लोग कह रहे हैं कि इन समस्याओं को स्वीकार करते हुए आपको आगे की तरफ देखना चाहिए ।

तो साथियों, यह बात इसलिए बता रहा हूँ कि कोरोना को आप भी हल्के में मत लीजिये । सभी आवश्यक सावधानियां बरतिए । क्योंकि यह बीमारी कुछ लोगों के लिए जानलेवा भी हो सकती है । और मेरे जैसे जो कुछ लोग डाक्टरों की मेहनत और शुभेच्छुओं की दुआओं से बचकर निकल जाते हैं, उन्हें भी लंबे समय तक विभिन्न प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है ।

( वैसे अपने कोरोना अनुभव को विस्तार से लिख रहा हूँ । उम्मीद है कि जल्दी ही वह लिखा आपके सामने होगा । )

No comments